Timepass Wala Love Film ; सभी भारतीय सिनेमाघरों में जल्द आ रहा है
Timepass Wala Love Film
निर्मलकाशी फिल्म प्रोडक्शन प्रस्तुत Timepass Wala Love Film जल्दी आपके नजीक के थेटर मे रिलीज होने वाली है.Timepass Wala Love Film अभी फिलाल ही सभी प्रेक्षकहो के लिए आ रही है इस फिल्म के डायरेक्टर विशाल काशिनाथ जोहरजी है इस फिल्म के कथाकार गोरख भारसाकडे जी है और इस फिल्म का तात्पर्य यही है की अभी फिलाल जो भी घटना है कर रही है उसके व्यतिरिक्त जो लोग अपने प्यार मे धोका खाते है किस कारण खाते या फिर किस लिये खाते है इस तरह की सभी घटनाये इस काल्पनिक बतायेगी है.
Timepass Wala Love Film ऐसी एक फिल्म लेकर आ रही है जो की रियल स्टोरी जैसी दिखाई जायेगी अभी फिलाल में जो नये जनरेशन के लिये इस फिल्म के बारे मे बताया गया है तो सभी से अनुरोध है कि ये फिल्म देखने के लिए थेटर मे जाये.
हम लोग अक्सर ये देखते है कि लव स्टोरी आजकाल बहुत चल रही है और ऑडियन्स को लव्ह स्टोरी बहुत ही जादा पसंद आ रही है लव स्टोरी तो बहुत करती होती है पर ऊस लव स्टोरी से क्या हमे सीखने को मिलता है ये हमे कोई नही बताता है तो यही हम इस फिल्म मे लेकर आ रहे की हमे असल जिंदगी मे लव स्टोरी से हमे क्या सीखने को मिलता है या फिर किस तरह से हम लव स्टोरी को देखते है.
बहुत सारे लेखक अपने कहानी को अलग अलग मोड से दिखाया या लिखा जाता है पर अप्स डायरेक्टर ऊस कथा को अलग मोड दे देते है उसे कहानी का रूपरेषा बदल जाती है जो की एक
सिनेमा एक ऐसा माध्यम है, जो कल्पना और हकीकत के बीच की रेखा को दर्शकों के सामने नए अंदाज़ में पेश करता है। जब कोई लेखक किसी कहानी को लिखता है, तो वह उसमें भावनाएं, अनुभव और संदेश भरने की पूरी कोशिश करता है। लेकिन अक्सर देखा गया है कि जब वही कहानी एक निर्देशक द्वारा शूट की जाती है, तो उसका रूप पूरी तरह बदल जाता है। लेखक जो कहने की कोशिश करता है, वह कई बार परदे पर वैसा दिखाई ही नहीं देता।
यह अंतर केवल शब्दों और कैमरे के बीच नहीं है, बल्कि दृष्टिकोण का भी है। निर्देशक कभी-कभी दृश्यता, ग्लैमर और दर्शकों को लुभाने के चक्कर में कहानी की मूल भावना से दूर चले जाते हैं। खासकर डांस, आइटम सॉन्ग या दिखावे के दृश्यों को जोड़कर कहानी को हल्का बना दिया जाता है। इससे लेखक की गहराई कहीं खो जाती है और दर्शकों को वह सच्चाई नहीं मिलती, जो लेखक बताना चाहता था।
हमारी Timepass Wala Love Film, जिसका ज़िक्र इस लेख में किया जा रहा है, ठीक इसी सोच को चुनौती देती है। यह कोई काल्पनिक कथा नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित फिल्म है, जिसमें लेखक की सोच और संघर्ष को उसके असली रूप में दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म यह बताती है कि कैसे समाज में कई कहानियाँ जन्म लेती हैं, लेकिन उन्हें उस रूप में नहीं दिखाया जाता जैसी वे वास्तव में होती हैं।
हम चाहते हैं कि दर्शक इस फिल्म को सिर्फ़ एक मनोरंजन के रूप में न देखें, बल्कि इसके पीछे छिपे भाव और संदेश को समझें। फिल्में समाज का आईना होती हैं, और जब कोई फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित होती है, तो वह हमें सोचने पर मजबूर कर सकती है, सीखने का अवसर दे सकती है और संवेदनशीलता को बढ़ावा देती है।
इसलिए हमारा आप सभी से आग्रह है कि आप इस फिल्म को देखें, उसका समर्थन करें और अपने नजरिए से इसकी कहानी को समझें। ज़रूरी नहीं कि हर फिल्म सिर्फ़ मज़ेदार हो; कभी-कभी वे हमें झकझोरने और बदलने की ताकत भी रखती हैं।
अगर आप कहानी को ध्यान से देखेंगे, तो आपको सिर्फ़ एक लेखक की नहीं, बल्कि समाज की सच्चाई भी नज़र आएगी। हम सभी को चाहिए कि ऐसी फिल्मों को आगे बढ़ाएं, ताकि सच्ची और असरदार कहानियों को वह मंच मिल सके जिसकी वे हकदार हैं।
जो की एक लेखक लिखना चाहता है वो दिखाया नही जाता है अक्सर येही घटनाये हमे फिल्म मे देखने को मिलती है की लेखक एक लिखता है और डायरेक्टर उसे अलग तरह से शूट करके आप प्रदर्शित करता है और डान्स को बेवक बनाता है हम इस फिल्म जो रियल फ्लॅट आहे या फिल्म जोक रियल कहानीया होती है उसे आधार पर हम इस फिल्म मे बताने जा रहे है तो सभी इस फिल्म को सपोर्ट कीजिए या फिर अपने नजरे के टेटस कहानी से हमे क्या सिख मिलती है वो भी हमे देखना चाहिए और ऐसे फिल्म के लिए हमे सपोर्ट करना चाहिए