Dr Babasaheb Ambedkar इनकी तस्वीर लालू यादव ने रखी अपने पैरो के पास

क्या हुआ था?
- यह घटना 11 जून 2025 को लालू प्रसाद यादव के 78वें जन्मदिन समारोह के दौरान हुई थी। एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक कार्यकर्ता Dr Babasaheb Ambedkar की तस्वीर लेकर प्रकट होता है और उसे लालू की सोफे के पैरों के पास रख देता है
- वीडियो में लालू यादव उस तस्वीर के पास बैठकर बचकाने अंदाज़ में हंसते दिखे, और तस्वीर वहीं रखी रही
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
भाजपा और NDA नेताओं की प्रतिक्रिया:
- सम्राट चौधरी (बिहार उप मुख्यमंत्री, भाजपा): इसे “दलितों का अपमान” करार दिया
- गिरिराज सिंह (केंद्रीय मंत्री, भाजपा): बोले कि लालू यादव अंबेडकर को “पैरों के नीचे रखते हैं” और RJD को “ओबीसी सम्मान का अपमान” कहा
- दिलीप जैसवाल (बिहार भाजपा प्रमुख): लालू और परिवार से सार्वजनिक माफी की मांग की (
- गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्हें सजा के लिए गंगा-क्षेत्र में जाकर माफी मांगनी चाहिए ।
- जितन राम मांझी, रविशंकर प्रसाद, और अन्य NDA नेताओं ने भी तीखा विरोध जताया
अनुसूचित जाति आयोग की कार्यवाही:
- बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने लालू यादव को 15 दिनों के भीतर जवाब देने का नोटिस जारी किया, और बताया कि अगर जवाब सही नहीं मिला तो SC/ST अत्याचार विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है (
RJD और तेजस्वी यादव का मुकाबला
- तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि लालू ने कई जगह Dr Babasaheb Ambedkar inke मूर्तियाँ लगवाईं हैं और भाजपा झूठ फैला रही है
- उन्होंने कहा, “बाबा साहेब के विचारों का असली दुरूपयोग भाजपा कर रही है”—तेजस्वी यादव ।
जन-राजनीतिक असर
- भाजपा ने पटना में पोस्टर लगाए, जैसे – “7 दिन होने को हैं, कब माफी माँगोगे, लालू-तेजस्वी?” ।
- प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वे एक बयान जारी करें जिसका आरोप उठायें कि लालू ने अंबेडकर की तस्वीर पैरों के नीचे रखी
मुद्दा | विवरण |
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वायरल वीडियो | 11 जून को जन्मदिन समारोह में Dr Babasaheb Ambedkar की तस्वीर पैरों के पास रखी गई |
भाजपा की प्रतिक्रिया | इसे अपमान बताया, सार्वजनिक माफी की मांग, आयोग ने नोटिस जारी किया |
RJD का रुख | घटना को राजनीति से प्रेरित बताया, माफी का कोई प्लान नहीं |
जन-विरोध | सोशल मीडिया और पटना की पोस्टरों पर काफी प्रतिक्रिया सामने आई |
यदि आप घटनाक्रम की शुरुआत से लेकर अब तक सारे पक्षों को विस्तार से जानना चाहिए, तो यह एक पॉलिटिकल ड्रामा खड़ा करता हुआ मामला है – जिसमें वायरल वीडियो, दलित सम्मान का मुद्दा और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि शामिल है।