PM Fasal Bima Yojana में आवेदन के 5 आसान स्टेप्स जो हर किसान को जानने चाहिए

PM Fasal Bima Yojana में आवेदन के 5 आसान स्टेप्स जो हर किसान को जानने चाहिए

PM Fasal Bima Yojana

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है, लेकिन जलवायु परिवर्तन, अनियमित बारिश, बाढ़, सूखा और कीटों के हमले जैसी समस्याएं किसानों की मेहनत पर पानी फेर देती हैं। ऐसे में किसान के लिए सबसे ज़रूरी है एक ऐसी सुरक्षा व्यवस्था, जो प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुए नुकसान की भरपाई कर सके।

PM Fasal Bima Yojana
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इस दिशा में भारत सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना PM Fasal Bima Yojana – PMFBY)। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – किसानों को उनके फसल नुकसान का बीमा सुरक्षा देना और आर्थिक रूप से सक्षम बनाना।

लेकिन कई बार किसानों को पता ही नहीं होता कि इस योजना का आवेदन कैसे करें, किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है, और कहां जाना होता है। इस लेख में हम बिल्कुल आसान और स्पष्ट भाषा में समझेंगे कि कैसे PM Fasal Bima Yojana में सिर्फ 5 स्टेप्स में आवेदन किया जा सकता है।

PM Fasal Bima Yojana: एक संक्षिप्त परिचय

शुरुआत: यह योजना 13 जनवरी 2016 को लॉन्च की गई थी।

उद्देश्य: किसानों को प्राकृतिक आपदा, कीट संक्रमण, भारी वर्षा, ओलावृष्टि या सूखे से हुई फसल हानि पर मुआवज़ा देना।

कवरेज: खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलें।

PM Fasal Bima Yojana
PM Fasal Bima Yojana

बीमा प्रीमियम:

  • खरीफ फसलों पर 2%
  • रबी फसलों पर  1.5%
  • वाणिज्यिक व बागवानी फसलों पर  5%
    बाकी राशि केंद्र व राज्य सरकार देती है।

स्टेप 1: पात्रता की जांच करें

सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि आप इस योजना के लिए पात्र हैं या नहीं।

कौन पात्र है?

  • जो किसान अपनी ज़मीन पर खेती कर रहा है (स्वामित्व जरूरी नहीं)
  • बटाईदार, किरायेदार किसान भी पात्र हैं
  • जिनकी फसल सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में आती है
  • जिनके पास आवश्यक दस्तावेज (खाता संख्या, भूमि दस्तावेज, पहचान पत्र आदि) हैं

नोट: यह योजना स्वैच्छिक हो चुकी है, यानी अब किसान अपनी मर्ज़ी से इसमें भाग ले सकता है। पहले यह अनिवार्य थी।

स्टेप 2: आवश्यक दस्तावेज तैयार करें

आवेदन प्रक्रिया से पहले कुछ दस्तावेज़ों को तैयार रखना बेहद ज़रूरी है, जिससे फॉर्म भरते समय कोई समस्या न हो।

ज़रूरी दस्तावेज़

  1. आधार कार्ड  पहचान के लिए
  2. बैंक पासबुक की कॉपी  पेंसे ट्रांसफर के लिए
  3. भूमि के दस्तावेज़  खतियान, रसीद, भूमि पट्टा आदि
  4. फसल बुआई प्रमाणपत्र  ग्राम सेवक या कृषि विभाग द्वारा जारी
  5. फोटो पासपोर्ट साइज यदि किसान किरायेदार या बटाईदार है, तो उसका एग्रीमेंट या घोषणा-पत्र भी ज़रूरी होगा।

स्टेप 3: आवेदन का माध्यम चुनें 

आप दो तरीकों से इस योजना में आवेदन कर सकते हैं:

ऑनलाइन माध्यम

सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा दी है जिससे किसान घर बैठे आवेदन कर सकते हैं।

ऑफिशियल पोर्टल: https://pmfby.gov.in

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया:

  • वेबसाइट खोलें और “Farmer Corner” में जाएं
  • “Apply for Crop Insurance” पर क्लिक करें
  • आधार नंबर दर्ज कर OTP से वेरीफाई करें
  • फॉर्म भरें: भूमि विवरण, बैंक खाता, फसल प्रकार आदि
  • दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें
  • अंतिम रूप से सबमिट करें और आवेदन संख्या सेव करें

ऑफलाइन माध्यम

अगर आप ऑनलाइन नहीं कर सकते तो नीचे दिए गए जगहों पर जाकर आवेदन कर सकते हैं:

  • नजदीकी CSC (जन सेवा केंद्र)
  • कृषि विभाग का कार्यालय
  • बैंक शाखा (जहां किसान का खाता है)
  • बीमा कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि

स्टेप 4: प्रीमियम का भुगतान करें

आवेदन के बाद अगला सबसे जरूरी कदम होता है बीमा प्रीमियम का भुगतान करना।

कितना देना होगा?

  • खरीफ फसल – कुल बीमित राशि का 2%
  • रबी फसल – 1.5%
  • वाणिज्यिक फसल – 5%

भुगतान के तरीके

  • ऑनलाइन पोर्टल पर Net Banking / UPI / Debit Card
  • CSC या बैंक पर नकद/चेक के माध्यम से
  • भुगतान की रसीद सुरक्षित रखें – यह बाद में क्लेम के समय काम आएगी।

स्टेप 5: पावती और बीमा प्रमाणपत्र प्राप्त करें

प्रीमियम का भुगतान होते ही आपको आवेदन की पावती मिलती है और बीमा प्रमाणपत्र जारी होता है।

इसमें होता है:

  • किसान का नाम और विवरण
  • बीमित फसल का नाम
  • बीमित क्षेत्र (हेक्टेयर में)
  • बीमा राशि और कवरेज अवधि
  • बीमा कंपनी का नाम

बीमा प्रमाणपत्र का महत्व:
यही दस्तावेज़ आपको क्लेम लेने के समय प्रस्तुत करना होता है। इसलिए इसे सुरक्षित रखें।

फसल नुकसान होने पर क्या करें?

अगर आपकी फसल को कोई नुकसान होता है (सूखा, बाढ़, कीट, आदि), तो 72 घंटे के अंदर आपको इसकी सूचना बीमा कंपनी या कृषि विभाग को देनी होती है।

शिकायत का तरीका:

  • कॉल सेंटर / हेल्पलाइन नंबर
  • पोर्टल पर “Lodge Crop Loss” का विकल्प
  • ऑफलाइन – ग्राम सेवक या कृषि अधिकारी को सूचना दें

आवश्यक दस्तावेज़:

  • नुकसान का प्रमाण (फोटो आदि)
  • बीमा प्रमाणपत्र
  • पहचान पत्र

इसके बाद बीमा कंपनी द्वारा सर्वे किया जाता है और मान्यता मिलने पर आपको क्लेम राशि खाते में भेज दी जाती है।

PM Fasal Bima Yojana से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न

योजना का लाभ कितनी बार लिया जा सकता है?

उत्तर: हर फसल सीजन (खरीफ और रबी) में आप बीमा ले सकते हैं।

 क्या यह योजना सभी राज्यों में लागू है?

उत्तर: कुछ राज्य अलग-अलग सालों में इसमें भाग लेते हैं। इसलिए हर साल की अधिसूचना देखें।

बीमा का क्लेम कितने समय में आता है?

उत्तर: नुकसान की पुष्टि के 1.5 से 2 महीने के भीतर राशि ट्रांसफर होती है।

कुछ ज़मीनी आँकड़े (2024 तक के डेटा के अनुसार)

  • अब तक 20 करोड़ से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल चुका है
  • ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है
  • 2024 में डिजिटल क्लेम प्रोसेसिंग शुरू होने से प्रक्रिया और पारदर्शी बनी है

क्यों जरूरी है PM Fasal Bima Yojana आज के समय में?

  1. प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं  जलवायु परिवर्तन का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है
  2. किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है छोटी सी हानि उन्हें कर्ज में डुबो सकती है
  3. बीमा से आत्मनिर्भरता बढ़ती है क्लेम मिलने से नया बीज, खाद, या फसल तैयार कर सकते हैं
  4. सरकारी भरोसा और सुरक्षा मिलती है  किसान अकेला नहीं होता, सरकार साथ खड़ी रहती है

अब हर किसान को यह योजना अपनानी चाहिए

PM Fasal Bima Yojana एक क्रांतिकारी कदम है जो न केवल किसानों को आर्थिक सुरक्षा देता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त भी बनाता है। ज़रूरत है कि हर किसान इसे समझे, आवेदन करे और समय पर क्लेम की जानकारी भी रखे। हमने इस लेख में बिल्कुल आसान भाषा में 5 आसान स्टेप्स में पूरी प्रक्रिया समझाई है। यदि आप किसान हैं या किसी किसान को जानते हैं, तो उन्हें यह जानकारी जरूर दें।

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